कामयाबी का जुनून होना चाहिए,
फिर मुश्किलों की क्या औकात है,
रुकावटें तो आएंगी,
कांटों की, राह भर बिछी हुई,
नकारात्मकता और परेशानियां,
रोकेंगी रास्ता बार बार,
पर मन का सच्चा विश्वास और धैर्य
कहेगा हर मोड़ पर,
कामयाबी का जुनून होना चाहिए,
फिर मुश्किलों की क्या औकात है,
जो ठान लिया दृढ़ निश्चय से,
वो मान लिया जग में सबने,
रोकेगी हर आवाज तुझे,
मंजिल की राह के हर एक कोने से,
निडर निर्भीक सोच ही पकड़ेगी हाथ
फिर कहेगा अंतर्मन
कामयाबी का जुनून होना चाहिए,
फिर मुश्किलों की क्या औकात है,
बना लेना अपनी हर रुकावट को,
अपना साथी, और लेना नयी सीख,
साहस, हिम्मत और आत्मविश्वास,
कदम चूमेंगे हर मोड़ पर,
स्वयं पर विश्वास,
मंजिल की सीढ़ी बनेगा,
तब हर शह जग की बुलंद कहेगी,
कामयाबी का जुनून होना चाहिए,
फिर मुश्किलों की क्या औकात है।
‘इन्दु तोमर’